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चिटठा लेन 1
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घुटने में अभी भी हेड़ेक है
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*अब जो होना था, वह हुआ और अच्छा ही हुआ ! क्योंकि इससे एक सच्चाई तो सामने आ
गई, कि जो बहुत दिनों से, बहुत बार, बहुतों से बहुतों के बारे में सुनते आ रहे
थे...
5 days ago
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अनपढ़ को देना मन वोट
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भले करो तुम जिसे सपोर्ट
अनपढ़ को देना मत वोट
चौपट राजा हुआ जहाँ भी
आमजनों को मिली कचोट
संभव है फिर लोभ जगाने
घर - घर जा कर बाँटें नोट
मत फँसना मोहक वाद...
5 days ago
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महल से नीचे पधारो
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*बालकवि बैरागी*
महल से नीचे पधारो, देश फिर वन्दन करेगा
फिर वही अर्चन करेगा, और अभिनन्दन करेगा
महल से नीचे पधारो.....
00000
बहुत दिन पहले कहा था, फाँस ग...
1 week ago
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हमकदम
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एक रोज
ढलती शाम के समय
समंदर के किनारे
हमने अपने कदमों
के निशान भर
नहीं बोये थे
बोयी थी उम्मीद
कि दुनिया में
सहेजी जा सकती है
प्रेम की ख़ुशबू।
3 weeks ago
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तारीखें क्या थीं.....चलो!!! तुम बताओ!!
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वो दूर से भागता हुआ आया था इतनी सुबह...शायर की भाषा में अल सुबह और गर मैं
कहूँ तो कहूँगा सुबह तो इसे क्या..क्यूँकि अभी तो रात की गिरी ओस मिली भी नहीं
...
3 weeks ago
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इस सप्ताह में ही भूकम्प के कई झटकों के साथ साथ एक बड़े भूकम्प के आने की आशंका है !!
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Bhukamp kab aayega
इस सप्ताह में ही भूकम्प के कई झटकों के साथ साथ एक बड़े भूकम्प के आने की
आशंका है !!
21वीं सदी के शुरू होते ही इंटरनेट पर हिंदी ...
3 weeks ago
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चंदा मामा पास के ........
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भारतीय समयानुसार
छः बज कर चार मिनट का
कर रहे थे इन्तज़ार ,
दिल धड़क रहे थे ज़ार ज़ार
अभी भी नहीं गयी है
आदत बचपन की
जब भी आना होता था
किसी का भी परिण...
4 weeks ago
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उत्तर में कुलदीप को 'नमस्ते'
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उत्तर में कुलदीप को 'नमस्ते' हालत पतली, विरोधी सक्रिय मुस्लिम मतदाताओं का
झुकाव आप की ओर(विशेष - प्रतिनिधि)रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के
चारों वि...
5 weeks ago
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आदिशिव
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*सावन की फुहार में जो भीगने लगे हैंबेलपत्र की माला से जो सजने लगे हैंदूध की
धारा जिन पर है चढ़ने लगीमंद मंद मुस्कुराते वो मेरे आदिशिव हैं !! *
...
1 month ago
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" ओ जंगल के हिरने ~~
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बन का हिरना ~~ : पं. नरेंद्र शर्मा ~~
" ओ जंगल के हिरने ~~ "
किसी नगर का एक नवयुवक उस हिरण के जंगल से, बांसुरी बनाने के लिए एक बांस की
पौरी काट लाता है।...
1 month ago
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बनो स्त्रियों रणचंडी बनो
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बनो स्त्रियों रणचंडी बनो
काली खप्पर वाली बनो
महिषासुर मर्दिनी बनो
किन्तु चुप मत रहो
समय की प्रचंड पुकार है
धरा पर मचा हाहाकार है
खामोश चीत्कारों...
2 months ago
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कुछ टुकड़ों का ताना-बाना...
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पतझड़ का मौसम है, और पिछले कई सालों की तरह इस बार भी मेरे लफ्ज़ लाल होकर
दरख्तों पर लटके पड़े हैं, जो इक बार तुम्हारे आने की आहट का संदेसा ये हवाएं
ले आएं तो ...
2 months ago
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कर्नाटक समुद्र तट क्षेत्रों की यात्रा
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संक्षेप में कर्नाटक कोस्टल यात्रा विवरण
ट्रेन से उडुपी स्टेशन उतरा तो देखा कि यहाँ स्टेशन पर डोरमेट्री में ठहर सकते
है।
मैं लोकल बस स्टैंड के ऊपर बने ...
2 months ago
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घूंट घूंट उतरते दृश्य
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#घूंट_घूंट_उतरते_दृश्य
एक तो अनजाना रास्ता वह भी घाट सड़क कहीं चिकनी कहीं न सिर्फ उबड़ खाबड़ बल्कि
किनारे से टूटी। किनारा भी पहाड़ तरफ का तो ठीक लेकिन ख...
2 months ago
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नेरिविक
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मुद्दतों पहले की बात है जब एक जादूगर परिंदे को ख्याल आया कि, उसे पत्नी के
रूप में एक युवती चाहिए, तो उसने खुद को पुरुष के रूप में बदल लिया । उसकी
आंखें कमज़...
2 months ago
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माई लाइफ इन फुल - इन्द्रा नूयी की आत्मकथा
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*इस चिट्ठी में, इन्द्रा नूयी (Indra Nooyi) की आत्मकथा माई लाइफ इन फुल (My
Life in Full) के हिन्दी अनुवाद 'एक पूरा जीवन: घर, काम और हमारा कल' की
समीक्षा ह...
2 months ago
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मंदासरू : ओडिशा की शांत घाटी Silent Valley of Odisha
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चलिए आज मैं आपको ले चलता हूँ मंदासरू जिसे Silent Valley of Odisha के नाम से
भी जाना जाता है। मंदासुरू में मंदा का अर्थ चट्टान और सरु का तात्पर्य पतले
होत...
3 months ago
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राजनीति में पोर्न, पोर्न की राजनीति
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यह समय ऐसा है बंधुवर कि विद्वजन जिसके बारे में कह गए हैं कि करो सब लेकिन इस
तरह से कि जिस तरह से दानी लोग दान दिया करते हैं जिसमें दाएं हाथ को पता न
चले क...
5 months ago
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डॉक्टर बहना
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आलोकिता मेरी छोटी बहन के साथ पढ़ती थी।खूब ज्ञानी और पढ़ने में अव्वल आलोकिता
का एक ही लक्ष्य था डॉक्टर बनना तब उसकी एक और बहन अनामिका उससे एक वर्ष आगे
थी, प...
6 months ago
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क्यों बदलूं मैं तेवर अपने मौसम या दस्तूर नहीं हूँ
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ग़ज़ल
मंज़िल से अब दूर नहीं हूँ
थोड़ा भी मग़रूर नहीं हूँ
गिर जाऊँ समझौते कर लूँ
इतना भी मजबूर नहीं हूँ
दूर हुआ तू मुझसे फिर भी
तेरे ग़म से चू...
6 months ago
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देसीपन, दोस्ताना व्यवहार बनाम औपचारिक व्यवहार
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हम बचपन से यह सुनते आए हैं कि दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा तुम अपने
लिए चाहते हो। हम इस कहावत पर आँख मूँदकर विश्वास भी करते आए हैं और उस पर अमल
करने...
6 months ago
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बहती गंगा
*‘**बहती गंगा**’ **के सर्जक* *:**शिव प्रसाद मिश्र* *‘**रूद्र**’*
...
6 months ago
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टुकड़े टुकड़े गैंग ट्विस्ट
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मई माह में एक फ्लैट किराए पर लेना था। संयोगवश एक फ्लैट के बारे में सूचना
मिली जो लोकेशन, लोकेलिटी व उपलब्ध फर्नीचर आदि के स्तर पर उचित लगा। मुम्बई
का सि...
11 months ago
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सज्जन-मन
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सब सहसा एकान्त लग रहा,
ठहरा रुद्ध नितान्त लग रहा,
बने हुये आकार ढह रहे,
सिमटा सब कुछ शान्त लग रहा।
मन का चिन्तन नहीं व्यग्रवत,
शुष्क हुआ सब, अग्नि त...
1 year ago
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हिटलर और समग्र राज्य की अवधारणा
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मोदी सरकार तेज़ गति से ‘समग्र राज्य’ ‘टोटल स्टेट’ के निर्माण
में लगी है।उसे बहुलतावादी लिबरल राज्य -राष्ट्र नहीं चाहिए। उनको सिर्फ़ भारत
च...
1 year ago
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नाज़-ए-हिन्द सुभाष (4था संस्करण)
eBook अमेजन पर उपलब्ध
***
प्राक्कथन
नेताजी सुभाष 17 जनवरी 1941 की रात भारत से निकले थे और 18 अगस्त 1945 के दिन
अन्...
1 year ago
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तुलसी शालिग्राम संयोग .....एक प्रश्नचिन्ह
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जार जार है अस्मिता मेरी आज भी
व्यथित हूँ , उद्वेलित हूँ , मर्मान्तक आहत हूँ
करती हूँ जब भी आकलन
पाती हूँ खुद को ठगा हुआ
मेरा क्या दोष था
आज तक न कही...
1 year ago
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संत कोटि के अलमस्त कवि बद्रीबिशाल परमानंद
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जेन मनखे के रचना मन भले कभू पत्र-पत्रिका के मुंह नइ देखिन, फेर लोगन के कंठ
म बिना वोकर रचनाकार के नांव जाने बइठिस अउ सुर धर के निकलिस, उही तो लोककवि
होइस...
1 year ago
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नालन्दा बार-बार देखो (Nalanda)
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*नालन्दा बार-बार देखो (Nalanda)*
बिहार का अभिमान देखो।
राजगीर की शान देखो।
विपुलगिरि पहाड़ देखो।
रत्नागिरि की आन देखो।
उदयगिरि की ठाट देखो।
स्वर्णगिरि का ...
1 year ago
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युद्ध कब शांति का विकल्प रहे हैं
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रात युक्रेन के लिए बेहद डरावनी बीतेगी यही समाचार सुनते-सुनते सो गई थी,
मुझसे वहाँ के नागरिकों के आँसू देखे नहीं जा रहे थे, न सुबह समाचार देखने का
ही मन...
1 year ago
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माँ नर्मदा की महा आरती
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जबलपुर स्थित माँ नर्मदा के तट ग्वारीघाट में माँ नर्मदा मंडल द्धारा
प्रतिदिन सायंकाल ७.३० बजे माँ नर्मदा की महा आरती की जाती है जिसमें हजारों
भक्त उपस...
1 year ago
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हँसी की एक डोज़- इब्राहीम अल्वी
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कई बार कुछ कवि मित्र मुझसे अपनी कविताओं के संग्रह को पढ़ने का आग्रह करते हैं
मगर मुझे लगता है कि मुझमें कविता के बिंबों..सही संदर्भों एवं मायनों को
समझने की...
1 year ago
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सेल्स के बंदे से बिकवाएं कविता संग्रह
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आखिर दिल्ली पुस्तक मेला, महामारी की बेरहमी के चलते, टालना ही पड़ा।
प्रकाशकों के साथ-साथ लेखकों ने भी खुद को तसल्ली दी, अभी नहीं तो अगले बरस
सही। किताब...
1 year ago
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सरल करें!
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बचपन में किसी बात पर किसी को कहते सुना था – “अभी ये तुम्हारी समझ में नहीं
आएगा। ये बात तब समझोगे जब एक बार खुद पीठिका पर बैठ जाओगे।” यादों का ऐसा है
कि क...
1 year ago
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जीवन उतना ही है जितना हमने सुख से जिया
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जीवन क्या है? बहुत से दार्शनिक, ज्ञानी ध्यानी धार्मिक पुरुषों ने सभ्यता
की शुरुआत से ही इस प्रश्न का उत्तर ढूंढते रहे। हम सब जीवन के बने बनाये
मायने मे...
1 year ago
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एक आस साथ जुड़े रहने की
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इसकी कल्पना की है एक नये समाज के रूप में जिसमे सब एक दूसरे के साथ हों।
पहले हम गाँवो/छोटे शहरों मे रहते थे,आपसी सद्भाव, भाई-चारा और पारिवारिक
सम्बन्धों की...
1 year ago
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अनूठा रहस्य प्रकृति का...
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रात भर जागकर हरसिंगार वृक्ष
उसकी सख्त डालियों से लगे
नरम नाजुक पुष्पों की करता रखवाली
कि
नरम नाजुक से पुष्प
सहला देते सख्त वृक्ष के भीतर
सुकोमल...
1 year ago
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मुक्ति
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छोड़ दें सब कुछ और कहीं गुम हो जाएं
ज़िन्दगी के पन्ने पर एक इबारत ये भी लिख जाएं
बहुत शोर है
बहुत शोर
अब तो खामोशी में भी
फिर ...
1 year ago
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सहकारवाद : आत्मनिर्भर भारत के लिए मोदी मंत्र
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 71 वें जन्मदिन पर विशेष आलेख
*सहकारवाद : आत्मनिर्भर भारत के लिए मोदी मंत्र*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहकारवाद के उद्घ...
2 years ago
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सुबह की चाय, सनराईज़ और तुम
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सुबह की चाय, सनराईज़ और तुम पता है तीनो में कॉमन क्या है? तीनो बस पालक झपकते
गुलाबी शाम की तरह सरक जाते हैं पलाश के फूलों से रंगे आसमान को को ठीक से
निहार ल...
2 years ago
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पिता जब वृद्ध होने लगे :
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पिता जब वृद्ध होने लगे थे
आहिस्ता-आहिस्ता बदलने लगे थे
आदतें बदल गईं, प्रयोग की वस्तुएँ भी बदल गईं थीं
कुछ तर्कसंगत थीं तो कुछ अतार्किक भी
तन पर रह...
2 years ago
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ये है सनमखाना-धरतीपुत्र १९९३
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कुछ शब्द जो प्रकृति से जुड़े हैं, सदा से हमें आकर्षित करते आये हैं. पक्षियों
के नाम वाले गाने हों या नदी झरने के विवरण वाले, स्मृति पटल पर अपनी छाप
अवश्य छो...
2 years ago
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thinking of my father ऐसे ही
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नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय नमश्शिवाय
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पिताजी स्नान करते हुये जिन स्तोत्रों को गाते थे, ज्ञात नहीं कि ऐसा करना
शास्त्रसम्मत है भी या न...
2 years ago
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क्या ईश्वर ने शूद्रो को सेवा करने के लिए ही जन्म दिया था ??
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*शूद्र कौन थे*
प्रारम्भ में वर्ण व्यवस्था कर्म के आधार पर थी, पर धीरे-धीरे यह व्यवस्था
जन्म आधारित होने लगी । पहले वर्ण के लोग विद्या , दूसरे वर्ण के लोग श...
2 years ago
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4++ Télécharger Rencontres du septième art Takeshi Kitano pdf download
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Rencontres du septième artde *Takeshi Kitano*
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[image: Rencontres du septième art]
*Rencontres du septième art Takeshi Kitano...
2 years ago
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*बस्तर की गोंड जनजाति का विश्वविद्यालय : घोटुल*
00000000000000000000000000000000000000000000
*हरिहर वैष्णव*
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इसे बस्तर का दुर्भाग्य ही ...
2 years ago
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डिजिटल मार्केटिंग के दौर में होता किसान आंदोलन
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*ये डिजिटल मार्केटिंग का दौर है, साहब। आप इसे जितनी जल्द समझ जाएं उतना
अच्छा।*
*सोशल मीडिया के इस दौर में आप के मोबाइल तक किसी भी उत्पाद या एजेंडे को
प...
2 years ago
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आ अब लौट चलें ......
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*या मुझको मेरी औकात बता दो*
*या मुझसे मेरे असूल छीन लो...**-अकेला** आ अब लौट चलें ......*
*छोड़ फेसबुक की झूठी रंगीन, फ़रेबी,दुनिया से......... अपने ब्लोगर क...
2 years ago
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सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को
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सिनेमालोक
साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को
-अजय ब्रह्मात्मज
पिछले दिनों जमशेदपुर की फिल्म अध्येता और लेखिका विजय शर्मा के साथ उनकी
पुस्तक ‘ऋत...
2 years ago
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अटकन चटकन : छोड़ आए हम वो गलियाँ
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*‘बातों वाली गली” *का कर्ज़ चुकाने का मौक़ा *“अटकन चटकन” *ने दे दिया, हालाँकि
इसमें भी व्यक्तिगत व्यस्तताओं और परेशानियों के कारण महीने भर से ज़्यादा का
सम...
2 years ago
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एक पुरातत्ववेत्ता की डायरी-पहला दिन -तीन-हरक्युलिस और हनुमान भाग एक
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मनुष्य जब पहली बार मरा तब क्या हुआ होगा
📕 मित्रों, 'एक पुरातत्ववेत्ता की डायरी' के पहले भाग ' चम्बल के पानी में
चाँद' में आपने पढ़ा कि 'प्राचीन भारतीय इ...
3 years ago
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विकास दूबे को ,मिलेगा 5 लाख का ईनाम
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विकास दूबे ने किया आत्म समर्पण पुलिस पहले ही कर चुकी थी , फर्स्ट पुलिस ही
आई फिर भी दो वकीलों ने की विकास दूबे की मदद दुखद बात है ये , .......इतने
महान अ...
3 years ago
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चीन को उतना पीछे हटना होगा जितना भारत चाहेगा।
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आओ हम बात करें।
दिनांक-04 जुलाई 2020।
कल पूरी दुनिया आश्चर्य चकित हो उठी।
भारत तो गर्वान्वित था ही।भीषण दहाड़ से जितना डर पैदा होता उससे कई गुना डर
भारत के...
3 years ago
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झाड़ू पोछा वाला रोबोट जो बिस्कुट हड़प गया
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भारतीय परिवेश में झाड़ू पोछा वाला रोबोट की कार्यप्रणाली और उसके साथ हुआ
अनुभव बताता लेख
3 years ago
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झाड़ू पोछा वाला रोबोट जो बिस्कुट हड़प गया
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भारतीय परिवेश में झाड़ू पोछा वाला रोबोट की कार्यप्रणाली और उसके साथ हुआ
अनुभव बताता लेख
3 years ago
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रचनाकार में पढ़ें अपने मनपसंद विषय की सैकड़ों रचनाएँ -
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विश्व की पहली, यूनिकोडित हिंदी की सर्वाधिक प्रसारित, समृद्ध व लोकप्रिय
ई-पत्रिका - रचनाकारमनपसंद विषय की रचनाएँ पढ़ने के लिए उस पर क्लिक / टैप
करें -~ विधा...
3 years ago
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*
फुर्सतों की कारसाज़ी *
फोटो- मार्च 2020,देहरादून
फ़ुरसतें भी अलग-अलग किस्म की होत...
3 years ago
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कोरोना मामलों में मीडिया का धार्मिक दुष्प्रचार
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24 मार्च तक बहुत सारे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों में लोग सरकारी प्रतिबंधों
के बावजूद आ-जा रहे थे और इस कारण लॉक डाउन होने पर फंस गए। क्योंकि तब तक
सरकार ही...
3 years ago
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गत्यात्मक दशा पद्धति : भाग - 1
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dasha antardasha calculation free
गत्यात्मक दशा पद्धति : भाग - 1
ज्योातिष में ग्रहों के प्रभाव के समय को निर्धारित करने वाले सूत्रों का समूह
दशापद्धति कहल...
3 years ago
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हिमालय और लालच की मशीन
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अक्टूबर 1995 था. सबीने और मैं पिछले तीन-चार महीनों से मध्य हिमालय की
सुदूरतम घाटियों की धूल छानते भटक रहे थे. धारचूला की व्यांस, दारमा और चौंदास
घाटियों के...
3 years ago
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नारी-निन्दा और तुलसीदास : फादर डॉ. कामिल बुल्के
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*नारी-निन्दा और तुलसीदास*
~ फादर डॉ. कामिल बुल्के
''रामचरित मानस के विभिन्न पात्रों और स्वयं तुलसी की भी ऐसी बहुसंख्यक
उक्तियाँ पढ़ने को मिलती हैं, जिनमें न...
3 years ago
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लाॅकडाउन 2
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मोदी जी....सुनो:-
धीरे धीरे ही सही बीते इक्किस वार
सोम गया मंगल गया कब बीता बुधवार
कब बीता बुधवार हो गया अजब अचंभा
लगता है इतवार हो गया ज्यादा लंबा
दाढ़ी भी ...
3 years ago
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तन्हाई
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ख़्वाब देखना तो जैसे
भूल चुकी हैं आँखें
और नींद भी मानो
अब, पहचानती ही नहीं
बस, थोड़ा सा आसरा है
इन यादों का
उन बातों का
जिसे महसूस किया है दिल ने
दूरियों के ...
3 years ago
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Gatyatmak Jyotish app
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विज्ञानियों को ज्योतिष नहीं चाहिए, ज्योतिषियों को विज्ञान नहीं चाहिए।दोनो
गुटों के झगडें में फंसा है गत्यात्मक ज्योतिष, जिसे दोनो गुटों के मध्य
सेतु ...
3 years ago
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बिल्लियाँ कब शेर बनके छिप सकेंगी
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खुद दुखी हो के पछाड़ें खा रहे हैं
सब गढ़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं।
हाथ में डेली नमक की लग गई है
घाव दिल के सब उघाड़े जा रहे हैं।
बिल्लियाँ हैं शेर की मौस...
3 years ago
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बृहस्पतिवार के लिए चंद पंक्तियाँ
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ॐ गं गणपतये नमः
ॐ नमश्चंडिकायै
ॐ हं हनुमंताय नमः
ॐ नमः शिवाय
ॐ बृं बृहस्पतये नमः
ॐ वाणी हिरण्यगर्भाभ्याम् नमः
सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः
मातृ पितृ चरणकमलेभ्यो नम...
3 years ago
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जेएनयू की लहुलुहान पगडंडियो पर कभी कीट्स की प्रेम कविताये का जिक्र था...
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अटखेलिया खाती इन पंगडंडियो के बीच से गुजरते हुये आपको एहसास प्रकृति का ही
होगा । जो सुंदर दृश्य आपकी आंखो के सामने है वह बेहद आसानी से आपको उपलब्ध है
। ये...
3 years ago
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जीवन यात्रा
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कितनी दूर चला आया हूँ,
कितनी दूर अभी है जाना।
राह है लंबी या ये जीवन,
नहीं अभी तक मैंने जाना।
नहीं किसी ने राह सुझाई,
भ्रमित किया अपने लोगों ने।
अपनी राह ...
3 years ago
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इंतज़ार और दूध -जलेबी...
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वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास
चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर
कि ब...
4 years ago
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गुड्डू आओ ... गोलगप्पे खाएँ ....
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गुड्डू आओ ... चलें ..
गोलगप्पे खाएँ
कुछ खट्टे-मीठे .. तो कुछ चटपटे-चटपटे खाएँ
चलो .. चलें ...
अपने उसी ठेले पे .. स्कूल के पास ...
आज .. जी भर के ... मन भ...
4 years ago
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कंप्यूटरीकरण
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अगर राजीव गांधी को पता होता कि भविष्य में कम्प्यूटर उन्हीं के पुत्र राहुल
पर लतीफ़े बनाने में उपयोग किये जायेंगे तो वो कभी कंप्यूटरीकरण की बात भी नहीं
छेड़...
4 years ago
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खत से ज़ुदा पन्ने
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मेरे दरवाजे पर पड़ा था एक खत, शायद रात भर पड़ा होगा। मुझे सुबह मिला था। रात
कितनी तेज बारिश पड़ी थी, ये उस खत से जाना जा सकता था। घर के छज्जे के नीचे
होने...
4 years ago
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iRFkj lk vkneh Hkh dHkh iRFkj ugha gksrk A
vks>y gks tkrk gS] nnZ flQj ugha gksrk A
NksVh lh ckr Fkh ysfdu cgk ys xbZ vkalw]
xyr Fkk fd fu”kkuk ;gka dkjxj ...
4 years ago
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जल क्रांति अभियान
व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई है-बिहाणी
श्रीगंगानगर। सेठ जीएल बिहाणी सीनियर सैकेंडरी स्कूल के हाल में सोमवार शाम
आयोजित बैठक में पहुंचे अनेका...
5 years ago
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Make in kcc : ताम्र नगरी खेतड़ी में टूट रहा तांबे का तिलिस्म
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#KCC #KHETRI #MakeInKCC # khetri copper complex #KhetriNagar
5 years ago
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पहली बार थियेटर ओलम्पिक भारत में
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पहली बार थियेटर ओलम्पिक भारत में
मूमल नेटवर्क, दिल्ली। देश में पहली बार 17 फरवरी से 8 अप्रैल तक आठवां थिएटर
ओलिंपिक होने जा रहा है। लगभग दो महीने तक चलने ...
5 years ago
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महाशीर के भक्षक ही बनेंगे महाशीर के रक्षक
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रामनगर की लाइफ लाइन कोसी नदी में महाशीर मछलियां भी पाई जाती हैं। यह महाशीर
मछलियां अब विलुप्त होने की कगार पर हैं। इन महाशीर मछलियों का शिकार बहुतायत
में ...
5 years ago
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गत दिनों एक मित्र से बहुत लंबे अरसे के बाद मुलाकात हुई बहुत सी बातों के बाद
परिवार आदि की बातों के बाद एक अन्य पुराने मित्र के बारे में चर्चा चल पड़ी
किन्तु...
5 years ago
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नदियों का निरादर : ज्ञानेंद्र रावत
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इसे अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परंपरा, हमारे यहां मेले नदियों के तट
पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहां तक कुंभ का सवाल है, वह
तो न...
6 years ago
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इन आँखों में बारिश कौन भरता है ..
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बेतरतीब मैं
(३१.८.१७ )
`
कुछ पंक्तियाँ उधार है मौसम की मुझपर , इस बरस पहले तो बरखा बरसी नहीं ,अब
बरसी है तो बरस रही ,शायद ये पहली बारिशों का मौसम...
6 years ago
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सवाल : हम आपदाओं में फेल क्यों? जवाब में यह हकीकत पढि़ए
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राजस्थान के एक हिस्से में बाढ़ का कहर है और लोग आपदा से घिरे हैं। प्रशासनिक
अमला इतना असहाय नजर आ रहा है। आपदाएं हमेशा आती है और सरकारी तंत्र लाचार नजर
आ...
6 years ago
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ब्लॉगिंग : कुछ जरुरी बातें...3
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पाठक हमारे ब्लॉग पर हमारे लेखन को पढने के लिए आता है, न कि साज सज्जा देखने
के लिए. लेखन और प्रस्तुतीकरण अगर बेहतर होगा तो यकीनन हमारा ब्लॉग सबके लिए
लाभदा...
6 years ago
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बहुरने के बाद
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अब तो साला
गांव में भी घुस गया है राजनीति।
मालगुजार बांड़ा का अंगना लिपइय्या
बैसाखू का नाती
ले आया है नेवई के डउकी
उसी के बुध में बिसर गया है पुराने दिन
ढें...
6 years ago
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*विनोदशंकर शुक्ल : मेरे **गुरुदेव *
*गिरीश पंकज *
हिंदी व्यंग्य की दूसरी पीढी के सशक्त हस्ताक्षर विनोदशंकर शुक्ल अब हमारे बीच
नहीं है। उनका जन्म 30 दिसम्बर...
6 years ago
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सब धंधा है!
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भईया, हमारी मानो तो सब बिजनस है, बिजनस। जहाँ आँख गड़ती है, कारोबार ही नज़र
आता है। जहाँ चलता हूँ, लोग दर-मुलाई करते हुए पाए जाते हैं।
घर-चौराहा-शहर-ऑफिस-संसद...
6 years ago
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कहानी संग्रह अधूरे अफसाने-लावण्या दीपक शाह
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अभी अभी लावण्या शाह (लावण्या दीपक शाह ) के कहानी संग्रह अधूरे अफसाने को
पूरा किया है। चार बाल कहानियों को समेटे कुल ग्यारह कहानियों के इस गुलदस्ते
को लावण...
7 years ago
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छतहार पंचायत की नई टीम
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*मुखिया -अनीता मिश्र उपमुखिया -मीना देवी वार्ड सदस्य निरंजन कुमार पासवान
कन्हाई चंद्र दास रीतु देवी बबिकला देवी सिरितम देवी उर्मिला देवी रानी देवी
संतोष मि...
7 years ago
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मैं मरा नहीं
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(लंबे अरसे बाद प्रिय कवि आलोक श्रीवास्तव की एक कविता,
तापोस दास के चित्र के साथ)
भर्तृहरि एक किंवदंती है
एक इतिहास-सिद्ध कवि के अलावा
जो कहीं हमारे भीतर ...
7 years ago
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उदास मन से .....
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अंधकार सी क्यों छा रही है ,जीवन में
क्या कुछ गलती कर दी या सही था मैं
अंतर्मन फिर उदास सा क्यों ,राहें अंजान सी क्यों
ख़ुशी आकर भी उड़ क्यों जाती है
क्य...
7 years ago
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पिताजी के जन्मदिन पर - पिता तो सद्गुणों का पता है : अविनाश वाचस्पति
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परम पूज्य पिता स्व; डॉ. दिनेश चन्द्र वाचस्पति
पिता प्रथम कुलपति हैं, बतलाने वाले कादम्बिनी मासिक पत्रिका के प्रधान संपादक
शशि शेखर का यह कथन एकदम सच ह...
7 years ago
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बीमा सुरक्षा और सुनिश्चित धन वापसी - कविता - अविनाश वाचस्पति
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##AssuredIncomePlanPolicy
निश्चित धन वापसी और बीमा सुविधा
संदेह नहीं यह पक्का बनाती है विश्वास
विश्वास में ही मौजूद रहती है यह आस
धन भी मिलेगा और निडर ...
7 years ago
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चुनना
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तुमने चुनी अपनी सुविधा
अपनी पसंद को जिया
किसी और के मुताबिक़ चलना
किसी के जज़्बातों की कद्र करना
कभी ये सीखा ही कहाँ
तुम तो फिर तुम हो न आखिर
अपने लिए जीते ह...
7 years ago
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१०० वीं पोस्ट के साथ चित्रकथा का समापन ---
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इस ब्लॉग की यह १०० वीं पोस्ट है। सुन्दर चित्रों से सुसज्जित इस ब्लॉग को
बहुत पसंद किया गया। लेकिन अब ब्लॉगिंग में लोगों की दिलचस्पी लगभग ख़त्म सी
हो गई ह...
7 years ago
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जिसके कंठ से पृथ्वी के सारे वृक्ष एक साथ कविता पाठ करते थे : मिगुएल हर्नान्देज़
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मिगुएल हर्नान्देज़ ऐसा कवि नहीं था , जैसा हम अक्सर अपने आसपास के कवियों के
बारे में जानते-सुनते हैं. उसका जीवन और उसकी कवितायेँ , दोनों के भीतर
संवेदना, अनु...
8 years ago
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अपने मन की करना ही ख़तरनाक राजनीति है !
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*बैटल ऑफ बनारस के बहाने कमल स्वरूप से बातचीत *
प्रश्न : आप की फिल्म बैटल ऑफ बनारस का अभी क्या स्टेटस है?
कमल: फिल्म को स्क्रीनिंग कमेटी ने रिजेक्ट कर दिय...
8 years ago
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निरामिष पर विशेष लेखों की कड़ियाँ
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*(1) *अक्रूर मनोवृति (करूणा और अहिंसा के लिए)
1. दिलों में दया भाव का संरक्षक शाकाहार।
2. विश्व शान्ति का उपाय शाकाहार।
3. हिंसा का अल्पीक...
8 years ago
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हमारा सामाजिक परिवेश और हिंदी ब्लॉग
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वर्तमान नगरीय समाज बड़ी तेजी से बदल रहा है। इस परिवेश में सामाजिक संबंध
सिकुड़ते जा रहे हैं । सामाजिक सरोकार से तो जैसे नाता ही खत्म हो गया है। प्रत्येक...
8 years ago
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"Peppa" and her friends Captivate Children
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"Peppa" with his brother "George" and his friends "Zoe Zebra", "Danny the
Dog", "Pedro Ponny", "Emily Elephant" and "Susie Sheep" takes a full of
adventure...
8 years ago
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‘खबर’ से ‘बयानबाज़ी’ में बदलती पत्रकारिता
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मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया से ‘खबर’ गायब हो गयी है और इसका
स्थान ‘बयानबाज़ी’ ने ले लिया है और वह भी ज्यादातर बेफ़िजूल की बयानबाज़ी.
नेता,अभिनेता...
8 years ago
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पेशावर हत्याकांड – पाकिस्तान की आतंकी नीति की खुलती परतें
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पाकिस्तानी तालिबान द्वारा पेशावर के फ़ौजी स्कूल में किए गए हत्याकांड का
विश्लषण करने से पाकिस्तान की आतंकी नीति की परतें खुलती हैं, और हमें इस नीति
को बेहत...
8 years ago
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कमज़ोरी-ए-निगाह ने संजीदा कर दिया , जलवों से छेड़-छाड़ की आदत नहीं रही
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ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही
जज़्बात में वो पहले-सी शिद्दत नहीं रही
सर में वो इंतज़ार का सौदा नहीं रहा
दिल पर वो धड़कनों की हुक़ूमत नहीं रही
क...
8 years ago
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पर्यटन का सिरमौर बनने अग्रसर छत्तीसगढ़
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छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के डेढ दशक बाद के बदलाव स्पष्ट दिखाई देते हैं।
राज्य ने लगभग सभी क्षेत्रों में विकास के नए आयामों को छुआ है। सड़क,
बिजली-पानी, शिक...
9 years ago
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टिन्डिस (Tyndis) जिसे पोन्नानि कहते हैं
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रोमन साम्राज्य के अभिलेखों में भारत के दक्षिणी तट के टिन्डिस (Tyndis) नामक
बंदरगाह का उल्लेख मिलता है और आज के “पोन्नानि” को ही इतिहासकारों ने टिन्डिस
होने...
9 years ago
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मानव एकता के प्रबल समर्थक थे बाबा गुरुवचन सिंह जी महाराज
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मानव एकता दिवस पर विशेष
इस संसार के इतिहास को जब हम देखते हैं तो पाते हैं कि यहाँ विविधताएँ हमेशा
से रही हैं. यह विविधताएँ किसी दूसरे देश के स्तर से लेकर ...
9 years ago
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कांग्रेस की पाती...
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*गौरव शर्मा "भारतीय"*
*मैं* कांग्रेस हूँ… कांग्रेस पार्टी, जिसे 72 प्रतिनिधियों ने 28 दिसंबर 1885
को मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में जन...
10 years ago
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मोदी की सबसे बड़ी चुनौती
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मेरा लेख पढ़ें http://abpnews.newsbullet.in/blogtest/74/54742
10 years ago
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बोधगया विस्फोट
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बोधगया विस्फोट
म्यॉंमार का बदला भारत में
बोधगया में कभी भी कुछ हो सकता है, इसके संकेत पिछले एक वर्ष से लगातार मिल
रहे थे| म्यॉंमार (बर्मा) में रोहिंग्या...
10 years ago
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खाकी में इंसान – पुस्तक समीक्षा(श्रीमती चित्रा मुदगल द्वारा)
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पुलिस व्यवस्था प्राचीनकाल से ही भारतीय राजव्यवस्था का प्रमुख अंग रहा है । इस
विषय को आधार बनाकर अनेक लेखकों ने समय-समय पर अपने विचार व्यक्त किये हैं। इस
श...
10 years ago
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तू सिर्फ इंसान है..
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*पैदाइश के फौरन बाद*
*मैं खुद ब खुद हिस्सा हो गई*
*कुल आबादी के*
*आधे कहलाने वाले*
*एक संघर्षशील 'समुदाय' का,*
*कानों से गुज़रती*
*हर एक महीन से महीन आवाज...
10 years ago
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यात्रा-वृत्तान्त विधा को केन्द्र में रखकर प्रसिद्ध कवि, यात्री और ब्लॉग-यात्रा-वृत्तान्त लेखक डॉ. विजय कुमार शुक्ल ‘विजय’ से लिया गया एक साक्षात्कार
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डॉ. विजय कुमार शुक्ल जी ‘विजय’ का सक्षात्कार लेती हुए मैं शालिनी पाण्डेय
*प्र.* सर आपको यात्राओं की प्रेरणा कब और कैसे मिली?
*उ.* देखिए! यायावरी एक प्र...
10 years ago
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जयहिंद!
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समस्त सम्माननीय मित्रों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाईयों सहित एक
नज़्म सादर समर्पित...
झुक नहीं सकता कभी भी मान यह अभिमान है।
यह तिरंगा ही हम...
11 years ago
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* एक ग़ज़ल आप सब के लिए बच्चों के बीच दादी के किस्से संभालिये बाबा की
आन-बान के खूंटे संभालिये अम्माँ की याद, तुलसी के बिरवे स...
11 years ago
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मनुष्य की बढती स्वार्थपरता का खेल
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यह बात तो हर कोई जानता है कि माँस कैसे प्राप्त किया जाता है. जीवन हर जीव को
उतना ही प्रिय है, जितना कि हम सब को. अपनी खुशी से कोई पशु मरना नहीं चाहता.
अत: ...
11 years ago
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. ".पहचानो कौन है मम्मी ..........
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कभी यूँ भी हो ......
तुम चुपके से आओ ......
मेरे कँधे पर पीछे से
मेरी आँखें बंद करके ,
अपनी मीठी सी आवाज में पूछो,
फिर से ....
".पहचानो कौन है मम्मी .........
11 years ago
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अवकाश
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आदरणीय ब्लागर मित्रो,
अस्वस्थ होने के कारण शायद अंतरजाल पर न आ पाऊँ । इसलिए कुछ समय के लिए
शायद आप से भेंट न हो। स्वास्थ लाभ करके पुनः आपसे सम्पर्क स्था...
11 years ago
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सभी पाठकों को नववर्ष २०१२ की हार्दिक शुभकामनाएँ .......
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प्रिय दोस्तों ,
मैं विशेष कुमार आप सभी पाठकों को सर्वप्रथम नववर्ष २०१२ की
हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ . जब से मैंने होश संभाला हैं, तब से ह...
11 years ago
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आज अविनाश वाचस्पति का जनमदिन है
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आज, 14 दिसम्बर को नुक्कड़, तेताला, बगीची, पिताजी वाले अविनाश वाचस्पति का
जनमदिन है।
बधाई व शुभकामनाएँ
11 years ago
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परियों की रानी.....अनुष्का
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*ओ लाडली, मेरी छैल छबीली *
*तितलियों सी है चंचल, फूलों सी रंगीली *
*परियों की रानी, ओ राजदुलारी *
* तेरी अदाएँ, जहां से निराली *
...
12 years ago
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शब्दावली - 117
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Zero address शून्य पता
zero bit शून्य
द्वयंक
zero c...
14 years ago
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